आज दिल में फिर इक कसक सी उठी फिर एक बार तन्हाई ने तन्हाई से पूछा! आज दिल में फिर इक कसक सी उठी फिर एक बार तन्हाई ने तन्हाई से पूछा!
वो अजनबी होकर भी अपना-सा लगता है! वो अजनबी होकर भी अपना-सा लगता है!
अपना अपना करता है मन कुछ नहीं है अपना रे। अपना अपना करता है मन कुछ नहीं है अपना रे।
ग़मों के बदल का कारवाँ चला सिर्फ तन्हाई और दर्द मिला ग़मों के बदल का कारवाँ चला सिर्फ तन्हाई और दर्द मिला
जब आस्पताल में एक नन्ही बच्ची को जन्म दिया , तब मेरे मन में तितली की तरह एक स्पंदन प जब आस्पताल में एक नन्ही बच्ची को जन्म दिया , तब मेरे मन में तितली की तरह ...
आज लिखूँ या कल कौन से भारत का निर्माण लिखूँ आज लिखूँ या कल कौन से भारत का निर्माण लिखूँ